थार मरुस्थल की रेत… जो गर्मी में उबलती है

थार मरूस्थल को भारत का सबसे बड़ा रेतीला मरुस्थल कहा जाता है। इसकी खासियत यह है कि यह राजस्थान और गुजरात की सीमा को पार करते हुए पाकिस्तान तक फैला हुआ है। थार मरुस्थल का लगभग 90% हिस्सा राजस्थान में है, इसलिए राजस्थान को मरुस्थल प्रदेश भी कहा जाता है। बता दें कि पूरे विश्व में पाए जाने वाले बड़े मरुस्थल की लिस्ट में थार 9वे स्थान पर है और इसे सबसे बड़ा और गर्म मरुस्थल माना जाता है। 
तो आखिर थार मरुस्थल की खासियत क्या है, यदि आप भी जानना चाहते है तो, दोस्तों स्वागत है आपका डिजिटल आवाज की वैज्ञानिक बुद्धि की सीरीज में,  तो वीडियो को बिना स्किप करे अंत तक देखते रहिये, चलिए वीडियो शुरू करते है… 

थार मरुस्थल का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा भारत में है और बाकी पाकिस्तान में है। थार मरुस्थल लगभग 2 लाख 80 हजार वर्गीकिलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। थार मरुस्थल में दूर-दूर तक आसानी से बालू टिब्बे दिखाई देते हैं। यहां गर्मियों में तापमान इतना बढ़ जाता है कि रेत गर्म होकर उबलने लगता है। इसके अलावा, ठंड में यहां का तापमान काफी नीचे गिर जाता है। ऐसा कहा जाता है कि थार मरुस्थल का नाम पाकिस्तान में स्थित थारपारकर के नाम पर है।
थार मरुस्थल में ज्यादा गर्मी होने के कारण वहां आबादी कम है और यहां मीलों की दूरी पर गांव हैं। यहां की खास बात यह है कि यहां रहने वाले लोग अधिकतर पशुपालन का काम करते हैं। यहां ऊंट ज्यादा देखने को मिलते हैं, लेकिन थार मरुस्थल में गाय, भेड़ और बकरी जैसे जानवर भी आम पशुओं में से एक हैं। थार मरुस्थल में रहने वाले लोगों को पानी भी काफी दूर से ले जाना पड़ता है।

प्राचीन समय में थार रेगिस्तान भी एक उपजाऊ भूमि थी, लेकिन परंतु समय के साथ और पानी की कमी होने की वजह से यह भूमि थार मरुस्थल में बदल गई थी। एक शोध के मुताबिक, अगर पूरे थार रेगिस्तान को सोलर पैनलों कि चादर से ढक दिया जाए, तो पूरे भारत की बिजली की आपूर्ति एक साथ की जा सकती है।
वैज्ञानिको के अनुसार, थार रेगिस्तान हर साल उत्तर- पूर्व कि और फैलता जा रहा है। यही कारण है कि थार रेगिस्तान अब हरियाणा तक फैलने लगा है। बता दें कि थार रेगिस्तान को आगे बढ़ने से रोकने के लिए भारत सरकार ने 649 किलोमीटर लंबी इंदिरा नहर बनाई है। इस नहर से रेगिस्तानी इलाको में भी हरियाली लाने कि एक सफल कोशिश की जा रही है।
राजस्थान में चलने वाली तेज हवाएं थार मरुस्थल की रेत को सेकड़ो किलोमीटर तक की दूरी में फैला देती हैं। यही कारण है की आपको राजस्थान में सड़कों, घरों की छतों पर सर्वाधिक मात्रा में रेत दिखाई देती हैं। थार मरुस्थल इतना गर्म होता है कि अगर वहां नंगे पैर चला जाए, तो पैर जल सकते हैं।
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