प्लूटो को बताया भी नहीं कि वो ग्रह नहीं रहा…

हमारी धरती सहित सूर्य का चक्कर लगाते कुल ग्रहों की संख्या 8 है. लेकिन क्या आपको पता है कि अब से 16 साल पहले तक यानी कि 2006 तक ग्रहों की संख्या 8 नहीं बल्कि 9 थी. यह 9वां ग्रह प्लूटो था जिससे 2006 में ग्रह का दर्जा वापस ले लिया गया. आखिर क्या कारण कारण था कि प्लूटो को ग्रहों की सूची से बाहर कर दिया गया? यदि आप भी यही जानना चाहते हैं तो दोस्तों स्वागत है आपका डिजिटल आवाज की सीरीज वैज्ञानिक बुद्धि में तो विडियो को बिना स्किप करे अंत तक देखते रहिये, चलिए विडियो शुरू करते हैं –

2006 तक प्लूटो सौरमंडल का 9वां ग्रह था. तब दूरी क्रम के अनुसार यह सबसे दूरी पर स्थित ग्रह था. लेकिन साल 2006 में अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ की 26वीं महासभा में इसे ग्रहों की श्रेणी से हटा दिया गया. यह महासभा चेक गणराज्य में हुई थी.

प्लूटो को ग्रह की श्रेणी से हटाकर बौने ग्रह की श्रेणी में डाल दिया गया. असल में प्लूटो की कक्षा वरुण ग्रह की कक्षा से ओवरलैप करती है. जबकि ग्रह होने की यह शर्त है कि वह अन्य ग्रह की कक्षा को ओवरलैप न करे. यही कारण है कि प्लूटो को ग्रह की श्रेणी से निकाला गया और बौने ग्रह की श्रेणी में डाल दिया गया.
प्लूटो को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 247.7 साल का समय लगता है. जहां तक प्लूटो के वातावरण की बात है तो यहां नाइट्रोजन, मीथेन और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसें मुख्य रूप से पाई जाती हैं.

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