क्या आप क्वांटम कंप्यूटर से तेज़ है?

2+2 कितने होते है? यदि ये सवाल आपसे पूछा जाये तो जितना समय आप इसका जवाव सोचने में लगायेंगे उससे ज्यादा समय एक कंप्यूटर को इसका जवाव देने में लगेगा, यानि यह कह सकते हैं कि आप एक कंप्यूटर से तेज हैं…
पर यह तो एक एसा सवाल था जिसका जवाव निश्चित था पर एसा कोई सवाल आपके सामने आये जिसका जवाव निश्चित ना हो जैसे सिक्के को उछाला जाये तो क्या आएगा, पासे को फेंकने पर क्या आएगा, एसा कोई सवाल आपके सामने आएगा तो क्या आप उसका हर बार सही जवाव दे पाएंगे,
आपका जवाव होगा आखिर कैसे कोई सही जवाव दे सकता है, पर आपको बता दें कि एक कंप्यूटर है सिक्के के जमीन पर गिरने से पहले बता देता है कि हेड आएगा या टेल, क्या हुआ विश्वास नहीं हो रहा, होगा भी कैसे, क्योंकि जब तक आपके साथ फैक्ट्स शेयर नहीं किये जाते तो आपको विश्वास ही नहीं होता, तो आपको बता दें कि वो कंप्यूटर है क्वांटम कंप्यूटर।
पर क्वांटम कंप्यूटर किसी सवाल का जवाव इतना सटीक कैसे दे सकता है यदि आप भी यही जानना चाहते है तो दोस्तों स्वागत है आपका डिजिटल आवाज की सीरीज, वैज्ञानिक बुद्धि में तो विडियो को बिना स्किप करे अंत तक देखते रहिये, चलिए विडियो शुरू करते हैं –

दरअसल गूगल ने क्वांटम कंप्यूटर से गणना करने का दावा किया है। इसमें कहा गया है कि क्वांटम कंप्यूटर से जो गणना 6:18 सेकेंड में की गई, उसे करने में सुपर कंप्यूटर को 47 साल लग सकते हैं।
गूगल की ओर से जिस क्वांटम कंप्यूटर से गणना करने का दावा किया गया है वह 70 क्यूबिट्स का बताया जा रहा है। इससे पहले 2019 में गूगल ने जिस क्वांटम कंप्यूटर से गणना का दावा किया था वह 53 क्यूबिट्स का था। गूगल ने विश्व के 10 बड़े विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं के साथ इस पर शोध किया है।

अब सबसे पहले जानते है कि क्या होता है क्वांटम कंप्यूटर
तो क्वांटम कंप्यूटर का प्रयोग उस क्षेत्र में किया जाता है जहां ज्यादा से ज्यादा गणना करने की आवश्यकता हो। ये विभिन्न आंकड़ों, समय, परिस्थिति, मौसम, कीमतें आदि की एक साथ गणना कर ऐसा नतीजा सुझा सकता है जो ठीक हो। ये क्यूबिट्स पर काम करता है। क्यूबिट्स यानी कंप्यूटर बिट्स नॉर्मल कंप्यूटर में गणना करने वाले बिट्स की तुलना में काफी तेज होते हैं। ये एक ही साथ अलग-अलग अवस्था में कई गणनाएं कर सकते हैं।

गूगल ने सुपर कंप्यूटर के मुकाबले 47 साल ज्यादा क्वांटम सुप्रीमेसी का दावा किया है। क्वांटम सुप्रीमेसी का अर्थ सुपर कंप्यूटर के मुकाबले क्वांटम कंप्यूटर के काम करने की क्षमता से है। गूगल का दावा है कि जो काम क्वांटर कंप्यूटर 6।18 सेकेंड में कर सकता है, उसे करने में सुपर कंप्यूटर को 47 साल लग सकते हैं।

दुनिया भर में कई देश और निजी कंपनियां क्वांटम कंप्यूटर बनाने में जुटी है। भारत में भी क्वांटम मिशन शुरू हो चुका है, इसके लिए सरकार की ओर से 8 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। दुनिया भर में ज्यादातर कंपनियों की तरफ से अभी इसका प्रोटोटाइप ही तैयार किया जा सका है, क्योंकि क्वांटम कंप्यूटर एक बड़ी चुनौती भी है। इसे ठंडा रखने के लिए -270 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।

दुनिया का पहला क्वांटम कंप्यूटर इस साल काम करना शुरू कर देगा, इस कंप्यूटर को चीन के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है, जिसे जियूझांग कहते हैं। दावा किया जा रहा है कि यह कंप्यूटर 200 सेकेंड में गॉसियल बोसोन सौंपलिंग पहेली का हल निकाल लेगा, जिसे सुलझाने में सुपर कंप्यूटर को सैंकड़ों वर्ष लग सकते हैं। क्वांटम कंप्यूटर डाटा सुरक्षा को भी बढ़ाएगा। क्यू बिट्स में गणना करने की वजह से हैकर्स इस तक पहुंच भी नहीं पाते।

दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर की मदद से स्पेस की जानकारी के साथ-साथ अपने आसपास की ऐसी गतिविधियों की गणना की जा सकती है जिन्हें सामान्य तौर पर नहीं मापा जा सकता।
चिकित्सा के क्षेत्र में भी यह प्रयोग किया जा सकता है, इससे किसी भी डिसीज के वैक्सीन आदि की खोज में मदद ली जा सकती है। पर सिक्के के जमीन पर गिरने से पहले यह हैड या टेल का पता कैसे लगाता है यदि आप भी यही सोच रहे है तो आपको बता दें कि यह कंप्यूटर सिक्के के घूमने की गति, उसकी जमीन से ऊंचाई और जमीन पर गिरने के बाद के उछालों की गणितीय गणना कर हेड या टेल पहले ही बता देता है और इसे इसे इस गणना को करने में केवल कुछ सेकंड ही लगते हैं।
खैर आप किसी सिक्के के हेड या टेल आने की सम्भावना को कितनी बार सही बता सकते हैं हमें कमेन्ट करके जरुर बताइए हो सकता है कि आप क्वांटम कंप्यूटर को भी पीछे छोड़ दें।

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