Millionaire Success Habits

सक्सेसफुल लोग वैसे लोग होते हैं. जिनके पास विजन होता है. कुछ कर गुजरने का, वो अपनी चाहत को अपने काम में तब्दील करते हैं. काम करने में विश्वास करते हैं. अगर आपके अंदर माद्दा है कि आप दुनिया को झुका सकते हैं. तो दुनिया भी आपके आगे झुकेगी. सक्सेसफुल आदमी और एवरेज आदमी की सोच में बहुत बड़ा अंतर देखने को मिलता है. सक्सेसफुल इंसान के पास मिलियन डॉलर माइंडसेट होता है.

अगर आप चाहते हैं तो आपके पास भी ये माइंडसेट हो, तो दोस्तों स्वागत है आपका डिजिटल आवाज की सीरीज, शुक्र है किताबें है में,  

क्या आप सच्चाई से ये बात कह सकते हैं कि आप जानते हैं आपको जिंदगी से क्या चाहिए? क्या आपको अपने जीवन का मोटिव पता है? अगर नहीं भी पता है. तो भी आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है. आपको ऐसे बहुत से लोग मिलेंगे जिन्हें अपने जीवन का उद्देश्य नहीं पता है. इस किताब की समरी में आपको पता चल जाएगा कि जीवन के उद्देश्य को जाना कैसे जाता है। 

अगर आपको जीवन में सक्सेसफुल होना है तो सबसे पहले आपको पता होना चाहिए कि आपके जीवन का उद्देश्य क्या है? जब ये पता चल जाए फिर आप पता करिए कि आपको अब किस मार्ग से उस उद्देश्य तक पहुंचना है.

आप अपने उद्देश्य के हिसाब से खुद को वहां तक ले जाने के लिए तैयार रहिये. अपने गोल्स के प्रति ईमानदार के साथ उस गोल पर स्टिक भी रहिये.

सोचिये कि आपको एक लंबे सफर पर कार से जाना है. लेकिन आपको डेस्टिनेशन के बारे में कोई जानकारी नही है. तो अब सोचिये कि आपका सफर कैसा होगा?

इसलिए एक सिंपल सा तरीका है कि खुद से सवाल करिए ‘क्यों’, यही ‘क्यों’ आपको आपकी मंजिल से मिलवाने का काम करेगा.

क्या आपने कभी गौर किया है कि सफल लोगों के अंदर एक ऐसी कौन सी खूबी होती है? जो सभी के अंदर पायी जाती है. वो खूबी का नाम है ‘सेल्फ कॉन्फिडेंस’.

सच्चाई के साथ खुद से एक सवाल करिए कि जब आपके पास सेल्फ कॉन्फिडेंस नहीं था तब क्या कभी आपने सक्सेस पायी है? आपका जवाब होगा नहीं. आपको दिमाग पर जोर डालने के बाद भी कुछ याद नहीं आयेगा. इसके पीछे का रीजन ये है कि बिना कांफिडेंस के आप किसी लड़की से डेट के लिए भी नहीं पूछ सकते हैं. आप खुद सोचिये कि अगर आपको मिलिनियर बनना है. तो फिर कांफिडेंस की क्या वैल्यू है? ये उस किताब की तरह है जिसे पढ़कर लड़के बोर्ड एग्जाम को पास कर लेते हैं.

अगर आप अपनी पर्सनालिटी में पहली कोई चीज जोड़ना चाहते हैं तो सबसे पहले सेल्फ कॉन्फिडेंस को एड करिए. एक बार आपके अंदर कॉन्फिडेंस आ गया तो डर अपने आप भाग जायेगा.

चलिए आपको एक एक्सरसाइज बताते हैं. अगर आप अभी अपने कॉन्फिडेंस को बढ़ाना चाहते हैं. तो सबसे पहले एक पेन उठाइये. एक कागज में लिखना शुरु करिए. उस कागज में आप आज तक की अपनी सभी अचीवमेंट की लिस्ट बनायेंगे. इस लिस्ट में आपकी हर उस छोटी अचीवमेंट को शामिल करिए, जिस अचीवमेंट ने आपको प्राउड फीलिंग दी हुई होगी. सवाल यह है कि इस एक्सरसाइज के बाद आपको कैसे पता चलेगा कि कॉन्फिडेंस को पैदा कैसे किया जाता है? इस आखिरी एक्सरसाइज से आपको पता चलेगा कि आपने जीवन में बहुत कुछ अचीव किया है. इन सब अचीवमेंट का क्रेडिट आप खुद को देना मत भूलिए. इस एक्सरसाइज से आपको ख़ुशी का अनुभव होगा. ख़ुशी कॉन्फिडेंस बढ़ाने का बहुत अच्छा तरीका है.

कभी आप गौर करियेगा कि आप जब दुरवी रहते हैं तो आप क्या सोचते हैं? और जब खुश रहते हैं तो आप क्या सोचते हैं? आपको पता चलेगा कि जब आप खुश रहते हैं तो आपका कॉन्फिडेंस हाई रहता है. उसी हाई कॉन्फिडेंस को आपको स्टेबल करना है. एक बार आप इसे स्टेबल करना सीख गये तो समझ लीजिएगा कि मिलिनियर बनने के रास्ते में आप निकल चुके हैं.

मिलते है नयी किताब के साथ, तब तक के लिए धन्यवाद…

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