नील नदी जिसे अरबी भाषा में ‘अल-नील’ या ‘नहर अल-नील’ भी कहा जाता है, दुनिया की सबसे लंबी नदी है, इसे अफ्रीकी नदियों की जननी भी कहा जाता है. नील नदी का नाम ग्रीक शब्द नीलोस (Neilos) से लिया गया है जिसका अर्थ घाटी या नदी-घाटी होता है। पर नील नदी अपने अन्दर एक पूरा संसार समेटे हुए है, और आज डिजिटल आवाज की वैज्ञानिक बुद्धि में आपको उसी की जानकारी देने वाले है। तो विडियो को बिना स्किप करे अंत तक देखते रहिये, चलिए विडियो शुरू करते हैं –
1) पूर्वोत्तर अफ्रीका में स्थित नील नदी को लंबे समय से दुनिया की सबसे लंबी नदी के रूप में जाना जाता है और इसकी लंबाई लगभग 6,650 किलोमीटर है.
2) जब नील नदी की बात आती है तो इसे अक्सर मिस्र (Egypt) से जोड़ा जाता है, लेकिन वास्तव में, यह 11 अन्य देशों से होकर बहती है: तंजानिया, युगांडा, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, रवांडा, बुरुंडी, इथियोपिया, केन्या, एरिट्रिया, दक्षिण सूडान, सूडान और मिस्र.
3) इस शक्तिशाली नदी की दो प्रमुख सहायक नदियां हैं जिनके मिलाप से ‘नील नदी’ निकलती है. पहली सहायक नदी को श्वेत नील (White Nile) कहा जाता है, जिसका उगम दक्षिण सूडान से शुरू होता है, और दूसरी को नीली नदी (Blue Nile) कहा जाता है, जिसका उगम इथियोपिया से शुरू होता है.
4) ब्लू नील और व्हाइट नील सूडान के ‘खार्तूम’ शहर में एक साथ मिल जाती हैं. वहां से, नदी मिस्र से होकर उत्तर की ओर बहती है और अंततः भूमध्य सागर में विलीन हो जाती है.
5) पूरे इतिहास में नील नदी लोगों के लिए जीवन का एक महत्वपूर्ण स्रोत रहा है. लगभग 5,000 साल पहले, प्राचीन मिस्र के लोग मीठे पानी, भोजन और परिवहन के लिए नील नदी पर निर्भर थे. नील नदी ने उन्हें खेती करने के लिए उपजाऊ भूमि भी प्रदान की.
6) लेकिन सोचने वाली बात यह है की नील नदी के सहायता से प्राचीन मिस्रियों ने सूखे रेगिस्तानी भूमि पर खेती कैसे की? जवाब है कि हर साल अगस्त में नील नदी में बाढ़ आती है, और जब बाढ़ आती है तो पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी पानी के साथ नदी के किनारों पर फैल जाती है, जिससे मिट्टी की मोटी और नम परत बन जाती ही जो बढ़ती फसलों के लिए बिल्कुल सही होती है.
7) 1970 में नील नदी पर बने असवान हाई डैम (Aswan High Dam) के कारण, अब हर साल नील नदी में बाढ़ नहीं आती है. यह विशाल बांध नदी के प्रवाह को नियंत्रित करता है और साथ ही बिजली, खेतों की सिंचाई और आवासीय घरों को पीने का पानी प्रदान करता है.
8) यह आकर्षक नदी आज भी मिस्रवासियों के लिए जीवन का अमूल्य स्रोत बनी हुई है. देश की 95% से अधिक आबादी इसके पानी पर निर्भर करती है और नदी के तट के कुछ मील के भीतर रहती है.
9) नील नदी केवल मनुष्यों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है – यह नदी और इसके किनारे बहुत सारे अद्भुत वन्यजीवों के लिए आश्रय स्थल हैं, – यहां विभिन्न प्रकार की मछलियों और पक्षियों के साथ-साथ कछुए, सांप, हिप्पोस और हमारे ग्रह के सबसे बड़े सरीसृपों में से एक नील मगरमच्छ भी शामिल है.
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