Ep-19 ||  Activate Your Brain

दिमाग शरीर का एक अहम हिस्सा है। हम रोज जो भी काम करते हैं उसमें दिमाग का बहुत बड़ा भाग होता है। इसलिए ये बहुत जरुरी है कि हम इसके काम। करने के तरीके के बारे में जानें और उस जानकारी की मदद से अपने दिमाग का खयाल रखें।

पिछले 20 सालों में हमने जो जानकारी हासिल की है उससे हमें यह पता चला है कि हमारे दिमाग को तीन भागों में बाँटा जा सकता है जिसमें से दो भाग चिंपैंजी से मिलते हैं और एक भाग हमें उनसे अलग करता है। 

जो हिस्सा अलग करता है उसे कहते है ह्यूमन ब्रेन (Human Brain) –

दिमाग का यही हिस्सा हमें दूसरे जानवरों से अलग बनाता है। इस हिस्से का काम होता है सूझ बूझ से काम लेना, भावनाओं पर काबू पाना और अपने आस पास की चीज़ों को समझना।

मैमेलियन ब्रेन और ह्यूमन ब्रेन एक साथ काम करते हैं। मैमेलियन हमारे अंदर भावनाएं पैदा करता है और ह्यूमन ब्रेन समय और हालात के हिसाब से उसे काबू करता है। मान लीजिए कि आप किसी मीटिंग में हों और अचानक आपको एक पुराना चुटकुला याद आ गया। आप जोर से हँसने ही वाले थे कि आपको याद आ गया कि आप मीटिंग में हैं। यहाँ पर याद दिलाने का काम ह्यूमन ब्रेन ने किया।

हमारे दिमाग के केमिकल हमें काबू करते हैं लेकिन हम भी उन्हें काबू कर सकते हैं।

क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपने जोश में आकर फैसला किया हो कि अब से आप रोज जिम जाएंगे लेकिन दो दिन के बाद आपका जिम जाने का मन नहीं करने लगा हो? हमारे दिमाग में मौजूद केमिकल्स की वजह से ऐसा होता है। आइए देखें कि ये केमिकल्स कौन कौन से हैं और इनका क्या काम है।

दिमाग के कुछ केमिकल हमें खुशी महसूस करने में मदद करते हैं। डोपामाइन (Dopamine) हमें आराम दिलाता है, नोरेपिनेप्राइन (Norepinephrine) हमारा किसी काम में इंटरेस्ट पैदा करवाता है और ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) हमें दूसरों पर भरोसा कर उनसे रिश्ते बनाने में मदद करता है।

 एड्रीनलीन (Adrenaline) और कोर्टिसोल (Cortisol) नाम के केमिकल हमें आस पास के खतरों को भाँप कर उनसे बचने का सामना करने में मदद करते हैं। इन्हीं केमिकल्स की वजह से हम आज तक जिंदा हैं और जंगलों से निकल कर शहरों तक आ सकते हैं। लेकिन रोज़ के काम के तनाव और काम ना करने के नतीजों के ओर की वजह से ये केमिकल हमेशा हमारे अंदर बनते रहते हैं जिसकी वजह से कैंसर और डायबिटीज का खतरा हो जाता है।

इस तरह से ये केमिकल्स हमें काबू करते हैं। लेकिन अच्छी खबर ये है कि हम भी इन केमिकल्स पर काबू पा सकते हैं। अगर आपका कोई काम करने का मन नहीं करता तो आप उस काम से होने वाले फायदों के बारे में सोच कर अपना मन उस काम में लगा सकते हैं।

जब आप बिस्तर छोड़कर, जिम में जाकर मेहनत करने के बारे में सोचते हैं तो आपका जाने का मन नहीं करता। लेकिन अगर आप ये सोचें कि जिम जाने से आप सेहतमंद रहेंगे तो आपका मन जिम जाने का करेगा। हर काम के फायदों को देखने पर आपका दिमाग तनाव वाले हार्मोन कम बनाएगा जिसकी वजह से डोपामीन, नोरेपिनेप्राइन और ऑक्सीटोसिन का बनना बढ़ जाएगा और आपका काम करने का मन करेगा।

आप खुद पर काबू पाकर और हर हालात के लिए तैयार होकर अपनी खुशी को बढ़ा सकते हैं।

अगर आप खुदपर काबू नहीं पा सकते तो आप खुश नहीं रह सकते। जिन्दगी में उतार चढ़ाव आते ही रहते हैं और ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनका सामना करें। इसलिए आप सबसे पहले अपने आप की जिम्मेदारी लेना सीखें।

अक्सर लोग अपने हालात के लिए दूसरों को दोष देते हैं। आपने लोगों को अक्सर कहते हुए सुना होगा कि सरकार अपना काम ठीक से नहीं कर रही है। कंपनी मुझे प्रमोशन ही नहीं दे रही है। ऐसे लोग सिर्फ अपने आप को छोड़कर सभी को बदलने की कोशिश करते हैं। इसलिए जरुरी है कि आप सबसे पहले खुद को बदलें और खुद अपनी जिम्मेदारी लें।

अपने आप को पूरी तरह से तैयार करके आप अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं और अपने डर को कम कर सकते हैं। इससे आपके अंदर डोपामीन की मात्रा बढ़ेगी और आप खुश रह सकेंगे।

आप मानसिक कसरत की मदद से भी ये फायदे पा सकते हैं। सुडोकु या क्रॉसवर्ड जैसे खेल हमारे दिमाग के लिए एक कसरत हैं जिससे हमारा दिमाग सेहतमंद रहता है। कसरत करने से हमारा दिमाग वो केमिकल पैदा करता है जिससे तनाव और बेचैनी कम होती है।

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