वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2018 में एक रिपोर्ट पेश हुई थी और एक देश को 156 रैंक के साथ दुनिया के सबसे कम खुश रहने वाले देश के रूप में स्थान मिला था। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में रैंक किए गए सभी 120 देशों में इसी देश की भुखमरी और कुपोषण की दर सबसे खराब है।
पर आखिर ऐसा क्यों, आखिर ये देश इतना गरीब क्यों है?
गरीबी एक वैश्विक समस्या है. यह एक ऐसी चुनौती जिसका हल आज तक दुनिया नहीं ढूंढ पाई है. दुनिया के अमीर देशों के बारे में सभी जानते हैं लेकिन ऐसे देशों की संख्या बहुत कम हकीकत यह है कि अधिकांश देश गरीबी की समस्या से जूझ रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे गरीब देश कौन सा है और वहां के हालात क्या है?
दुनिया के सबसे गरीब देश का नाम है बुरुंडी. यह एक लैंडलॉक्ड देश है जिसकी गिनती अफ्रीका के सबसे छोटे देशों में की जाती है . यह उत्तर में रवांडा, पूर्व और दक्षिण-पूर्व में तंजानिया और पश्चिम में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य से घिरा है, तांगानिका झील इसकी दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर स्थित है।
सकल घरेलू उत्पाद प्रति व्यक्ति के हिसाब से 2022 में 292 डॉलर के साथ बुरुंडी दुनिया का सबसे गरीब और सबसे कम विकसित देश है. यह देश व्यापक गरीबी, भ्रष्टाचार, अस्थिरता, अधिनायकवाद और निरक्षरता का सामना कर रहा है.
वैसे तो बुरुंडी घनी आबादी वाला देश है, पर अच्छे जीवन की तलाश में कई युवा देश से बाहर चले जाते हैं। इस देश में औद्योगिकीकरण लगभग न के बराबर हुआ है. देश की 70 फीसदी श्रम शक्ति खेती में ही लगी है.
बढ़ती हुई गरीबी के चलते, बुरुंडी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दाताओं से मिलने वाली सहायता पर बहुत अधिक निर्भर रहता है. विदेशी सहायता बुरुंडी की राष्ट्रीय आय का 42% है.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में रैंक किए गए सभी 120 देशों में बुरुंडी की भुखमरी और कुपोषण की दर सबसे खराब है। 1962 में गृह युद्ध ने देश में चिकित्सा प्रगति को रोक दिया. बुरुंडी, 2015 में फिर से एक हिंसक चक्र में चला गया, जिसके एक बार स्वास्थ्य सेवाओं को खतरे में डाल दिया.
यानि सीधी बात कही जाये तो देश में हुए गृह युद्ध ने गरीबी को इस कदर बढ़ा दिया कि देश आज भुखमरी का सामना कर रहा है।