Ep – 16 || The Power Of Now

आज की किताब The Power of Now को पढ़कर आपको अपने Brain के painful विचारों को control करने में सहायता मिलेगी। आप हमेशा ख़ुशी की state में जीना सीख जायेंगे। इससे आपकी body energy से भरी रहेगी और आप बीमार भी कम ही पड़ेंगे।
पर इस किताब में एसा क्या लिखा है जिसके कारण आप अपनी जिन्दगी बदल सकते है, यदि आप भी यही जानना चाहते हैं तो स्वागत है आपका शुक्र है किताबे हैं कि इस सीरीज में, इस सीरीज में हम आपको हर सप्ताह एक एसी किताब के बारे में बताते है जिसके द्वारा आप अपनी जिन्दगी को बदल सकते हैं। 

हमारे दुखों का कारण हमारा Brain होता है। कई बार Brain past में हुई बुरी घटनाओं के बारे में सोचने लगता है। इससे हम दुखी हो जाते हैं। और इसका खामियाजा हमारी body को भी भुगतना पड़ता है।
क्युँकि Brain जब दुखी होता है तो हमारी Adrenal Gland कुछ stress hormones छोड़ती है। जिनका नाम cortisol और adrenaline होता है।
इन hormones की वजह से हमारी धड़कन बढ़ जाती है, सांस तेज हो जाती है, मुँह सूखने लगता है। और हमें stress हो जाता है।
Stress जब लम्बे समय तक चलता है तो वह डिप्रेशन में बदल जाता है। और डिप्रेशन की वजह से immunity कम हो जाती है। इससे हमारे शरीर को तरह -तरह की बीमारियाँ लगने लगती हैं।
इसलिए लेखक ने कहा है कि Brain को Body से अलग करना सीखें। अर्थात ब्रेन के negative विचारों को body तक न पहुँचने दें। इससे हमारे अंदर stress hormones नहीं निकलेंगे और body स्वस्थ रहेगी।

अपने body को Brain से detach कर लेने के बाद आप अपने Brain पर फोकस करें। और यह समझें कि आपकी कौन सी thinking आपको pain दे रही है।
कुछ लोग past में ही जीते रहते हैं। और कुछ Future में। दोनों ही situation में आदमी दुखी ही रहता है।
कुछ लोग past में मिले failure का रोना ही रोते रहते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि past कभी वापस नहीं आएगा। और वे कितना भी आँसू बहा लें किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
इसी तरह कुछ लोग Future की चिंता में डूबे हुए हैं। Students चिंता में जी रहे हैं कि competitive exam कैसे clear होंगे ! जॉब वाले चिंता में जी रहे हैं कि प्रमोशन कैसे होगी। हर कोई Future की तरफ भागे जा रहा है।
लेकिन इस चक्कर में लोग अपनी मौजूदा life ही ठीक से नहीं जी पाते।
इसलिए present में जीना सीखें। जो कुछ भी आपके पास आज है उसके लिए Universe को धन्यवाद दें। ऐसा करने से आपका दिल ख़ुशी से भर जायेगा। और आपको लगेगा आपके पास सब कुछ है।
छोटी -छोटी चीजों में ख़ुशी ढूँढ लें। कभी भी खुद को दूसरे से compare ही न करें। अपने झोपड़ें में ही ढोलक बजा कर ख़ुशी पैदा की जा सकती है। हो सकता है महल वाला हजार tensions में जी रहा हो।
जरा सी मुसीबत आने पर बहुत से लोग सोचने लगते हैं – हे भगवन मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है ?
लेकिन यह एक negative statement है जो हम अपने दिमाग को दे रहे हैं। और इससे दिमाग बेहद demotivate हो जाता है। फिर वह अपनी तरफ और problems आकर्षित कर लेता है। इसलिए negative वाक्य न बोलें।
क्युँकि ऐसा नहीं है कि आपकी life में ही problem है। सबको कोई न कोई problem होती ही है।
इसलिए ऐसा mindset बना लें कि डेली कुछ problems तो आयेंगी ही। लेकिन आप उन्हें सुलझाते जाइये और जीवन का मजा उठाते जाइये। जितना आप solve कर सकते हैं उतना ही कीजिये। लेकिन ऐसा बिना परेशान हुए करें।
अच्छे दिन आने पर लोग मजे में डूब जाते हैं। और अपनी जिंदगी पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। लेकिन जिंदगी पल -पल बदल सकती है।
इसलिए हमेशा सजग रहें। अगर आप कोई creative काम करना चाहते हैं तब तो आपको हमेशा alert रहना चाहिए।
क्युँकि creative विचार अचानक से आते हैं। वे कभी भी कहीं भी आ सकते हैं। हो सकता है आप सब्जी खरीद रहे हों तब आ जाये या कहीं यात्रा कर रहे हो तब आ सकते हैं। उन्हें उसी समय नोट कर लें। क्युँकि वे जल्दी से गायब भी हो जाते हैं।
कई बार हम boring काम करते -करते थक जाते हैं। लेकिन घर आकर हमें कोई disco club चलने को बोल दे तो हम energy से भर जायेंगे।
इसका सीधा मतलब है कि हमारे अंदर energy का खजाना होता है। बस हमें उसे इस्तेमाल करना नहीं आता।
कुछ लोग लगातार 16 घंटे पढ़ने के बाद भी नहीं थकते। या कुछ players देर तक practice करने से भी नहीं थकते। वे अनजाने में ही सही अपने अंदर energy के खजाने का इस्तेमाल कर रहे होते हैं।
आप भी अपने अंदर Universe की energy को महसूस करें। आँखे बंद करके खुद से कहें कि आप Universe का ही भाग हैं और आपके अंदर Universe की energy है।
इसके साथ – साथ अपना काम करते हुए खुश रहना सीखें। अपने काम में पूरा interest लें। इसे किसी reward से भी लिंक कर लें। साथ ही कर्म को पूजा मानें। उसे करते हुए आपको सच में spirituality का अहसास होना चाहिए। हर काम smile के साथ करें।

बहुत से लोग materialist होते जा रहे हैं। वे संसार के भौतिक सुखों में ख़ुशी ढूँढ रहे हैं। और जब उन्हें वे नहीं मिलते तो वे दुखी हो जाते हैं।
उन्हें कभी भी मानसिक शाँति नहीं मिलती। अगर लोगों को भौतिक सुख मिल भी जायें तो भी उनका लालच कम नहीं होता।
कभी उन्हें मोबाइल का latest version चाहिए। कभी दोस्त से ज्यादा बड़ी और महंगी गाड़ी चाहिए। आदि।
Materialistic चीजों में आसक्ति ही दुखों का कारण है। इसलिए इन चीजों से भी मोहमाया त्याग दें।

कुछ लोग असफलता मिलने पर हार मान लेते हैं। वे दुःख के सागर में डूब जाते हैं। और दुबारा कुछ भी बड़ा करने की कोशिश ही नहीं करते।
कुछ तो अवसाद (depression ) में चले जाते हैं। और कुछ लोग शराब, सिगरेट , ड्रग्स आदि लेने लगते हैं। और अपनी जिंदगी को चौपट कर देते हैं।
लेकिन ऐसा रवैया गलत है। 

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