खाचरियावास की मांग, आचार संहिता के दायरे में आए केंद्रीय एजेंसियांबाइट: प्रताप सिंह खाचरियावास, मंत्री राजस्थान सरकार

प्रदेश में आचार संहिता लगने और प्रत्याशियों की घोषणा होने के दौरान भी ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाई को लेकर सिविल लाइंस से कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास ने सवाल खड़े किए हैं। खाचरियावास ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि जब राज्य की जांच एजेंसियां आचार संहिता के दायरे में आती है तो फिर केंद्रीय एजेंसियों को छूट क्यों दी गई है, उन्हें भी आचार संहिता के दायरे में लाना चाहिए। प्रताप सिंह ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को ये तय करना चाहिए कि प्रत्याशी घोषित होने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियां नेताओं के घरों में कैसे घुस सकती हैं। खाचरियावास ने मांग कि है कि जांच एजेंसियों को कार्रवाई करने से पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी चाहिए। ईडी हमारे रोकने से नहीं रुकेगी, चुनाव आयोग को इस पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी काम के आधार पर वोट मांगेगी तो जीरो हो जाएगी। इसीलिए अफवाहों का बाजार गर्म करके प्रदेश का माहौल खराब करने का काम किया जा रहा है। विपक्षी नेताओं की ओर से मुख्य सचिव को हटाए जाने की चुनाव आयोग से मांग पर मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्य सचिव केंद्र सरकार के ठप्पे से बनी है। अब भाजपा के नेता ही उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को उचित नहीं कहा जा सकता है। इससे पता चलता है कि भाजपा नेताओं में कितनी बौखलाहट है। गौरतलब है कि हाल ही में ईडी ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापा मारा था, जिसके विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी ऑफिस के बाहर धरना भी दिया था।

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