गहलोत बोले- जातिगत जनगणना नहीं सर्वे करवाएंगे…

विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लगने से पहले राजस्थान में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर बहस तेज हो गई है। सीएम अशोक गहलोत ने अब जातिगत जनगणना की जगह सर्वे करवाने की घोषणा की है। गहलोत ने कहा- हम सर्वे करवाएंगे, इसके आदेश तो तत्काल हो जाएंगे।सर्वे होगा, जनगणना तो भारत सरकारी करवा सकती है, वह राज्य नहीं करवा सकती। यह खाली सर्वे हो रहा है, परिवारों का सर्वे हो रहा है ताकि आर्थिक स्थिति मालूम चल जाएगी। यह हमारी पार्टी का कमिटमेंट है कि हम इसको आगे बढ़ाएंगे। गहलरोत जयपुर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
आचार संहिता से जातिगत सर्वे अटकने के सवाल पर गहलोत ने कहा- जब मैंने कह दिया है तो निर्णय कर दिया जाएगा, उसके बाद में आचार संहिता लागू होती है तो भी इसमें क्या दिक्कत आएगी? सुप्रीम कोर्ट तक में बहस हो चुकी है, बिहार सरकार के पक्ष में फैसला आ चुका है। बिहार सरकार ने किया है वही मॉडल हम राजस्थान में अपना रहे हैं।
गहलोत ने कहा- सर्वे में वक्त लगता है। बिहार में भी डेढ साल लगे थे। हमने सर्वे करने का निर्णय किया, वह बड़ी बात है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने रायपुर अधिवेशन में फेसला किया था उसे ही हम आगे बढ़ा रहे हैं। हम चाहेंगे कि हर परिवार की आर्थिक स्थिति पता लगे ताकि जो भविष्य में योजनाएं बने उसका फायदा उन्हें मिल सके। मैं बार-बार कहता हूं राइट टू सोशल सिक्योरिटी देश में लागू होनी चाहिए। सोशल सिक्योरिटी किसको मिले, यह कैसे पता लगेगा? इसके लिए हर परिवार का सर्वे जरूरी है। एक बार अगर सर्वे हो जाएगा तो पता लग जाएगा कि कौन कितना जरूरतमंद है।
गहलोत ने कहा- जो मेरा सपना है कि यूरोप के मुल्कों की तरह देश के अंदर भी हर जरूरतमंद को जीवन यापन के लिए पैसा मिले। जैसा राहुल गांधी ने कहा था न्याय योजना के तहत 6000 रुपए हर नागरिक को मिले। यह एक प्रकार की न्याय योजना ही है। हर परिवार को इज्जत से जिंदा रहने का जीवन चलने का अधिकार है। कई परिवारों की हालत बहुत खराब होती है। सर्वे हो जाएगा,कानून बन जाएगा तो उनको बिना मांगे हुए सर्वे के आधार पर लोगों को सहायता मिलनी शुरू हो जाएगी।

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