प्रेम प्रदर्शन का नहीं दर्शन का विषय है: डॉ.विश्वास

भीलवाडा के राजेंद्र मार्ग स्कूल ग्राउंड में आयोजित अपने-अपने श्याम कथा में गुरुवार को दूसरे दिन कवि डॉ. कुमार विश्वास ने कन्हैया के प्रेम रस से श्रोताओं को सराबोर कर दिया। पांडाल कृष्ण के प्रेम रस का वर्णन सुनकर तालियों से गूंजता रहा। डॉ. विश्वास ने बताया कि ये जो प्रेम है, आकर्षण है, ये जो रास है, ये अपराध नहीं है। कृष्ण ने जो कहा वो किया और जो किया वो खुलेआम किया। इसलिए ही वे पूर्णावतार हैं। कृष्ण ने स्त्रियों का सम्मान करना सिखाया। डॉ. विश्वास ने कृष्ण को नई पीढ़ी के लिए तार्किक ढंग से समझाया। उन्होंने कहा कि वे यहां कृष्ण की कथा करने नहीं बल्कि कृष्ण को समझने और समझाने आए हैं।
उन्होंने कहा कि यह हमारी ही संस्कृति है, जो सवाल करना सिखाती है, बात करना सिखाती है, संवाद करना सिखाती है। उन्होंने युवा पीढ़ी को बताया कि प्रेम क्या है। प्रेम करना है तो कन्हैया को पढ़ लो, अपने आप समझ आ जाएगा कि प्रेम प्रदर्शन का नहीं दर्शन का विषय है। इस पर उन्होंने कृष्ण और राधा की पहली मुलाकात का वर्णन किया। राधा-रानी के सौंदर्य का बखान किया। कृष्ण और राधा के बीच हुए पहले संवाद को गाकर सुनाया। इसी के साथ उन्होंने भारतीय संस्कृति में रंगभेद की चर्चा भी की और कहा कि दुनिया रंगभेद में उलझी हुई है और हमारे तो राम और कृष्ण दोनों ही श्याम वर्ण के हैं और पूजनीय हैं।

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