अब्राहम लिंकन की कहानी

आप सभी का स्वागत है डिजिटल आवाज की सीरीज पॉजिटिव मंडे में, और आज मैं आपको एक ऐसे महान इंसान की Life Story बताने वाला हूँ जिसे सुनने के बाद आपको अपने लाइफ में आ रही Problems बहुत छोटी नज़र आने लगेंगी।
दोस्तों ये कहानी है अमेरिकी इतिहास की सबसे महान राष्ट्रपति Abraham Lincoln की यह कहानी सुरु होती है 12 February 1809 को। जब इस महान इंसान का जन्म एक झोपडी में रहने वाले गरीब परिवार में हुआ और आगे चलकर यही इंसान अमेरिका का सबसे महान राष्ट्रपति बना। लेकिन इस व्यक्ति के लिए वाइट हाउस तक का ये सफर इतना मुश्किल से भरा था की अगर इसकी जगह कोई और होता तो वह Deprecation में आकर सायद अपने आप को ही मार डालता।
जब यह बंदा मात्र 2 साल का था तब इसके परिवार को एक जमीनी विवाद की वजह से अपना घर छोड़ कर दूसरी जगह शिफ्ट होना पड़ा। दोस्तों, आप अंदाज़ा लगा सके हो की अगर एक गरीब परिवार को अपना घर छोड़ना पड़े तो उस पर क्या बीतती है लेकिन Problems इनका पीछा यहाँ पर भी नहीं छोड़ रही थी करीब 5 साल वहाँ रहने के बाद फिर से एक जमीनी विवाद के कारण उन्हें वो घर भी छोड़ना पड़ा और उस वक्त अब्राहम लिंकन की उम्र मात्र 7 साल की थी।
उस जगह को छोड़ने के बाद वो और उनका परिवार एक नदी के किनारे रहने लगे जहा पर लिंकन के पिता खेती भी करने लगे।
दोस्तों यहाँ तक तो फिर भी ठीक था लेकिन जब यह बंदा 9 साल का था तब एक बीमारी की वजह से इनकी माँ की डेथ हो गयी। और यहाँ से शुरू होती है इनके लाइफ की वो दौर जहा पर कमजोर लोग टूट कर बिखर जाते है।
इस बन्दे को किताबे पढ़ने का बहुत सौक था यह बंदा पढ़ना चाहता था लेकिन अपने पिता के कुरुर स्वभाव की वजह से सिर्फ कुछ दिन ही स्कूल जा पाया। इसके पिता चाहते थे की ये उनका काम में हाथ बटाये।
इस बन्दे ने खुद की एक नाव बनाई और लोगो का सामान एक किनारे से दूसरे किनारे तक ले जाने का काम करने लगा और बचे हुए टाइम में लोगो के खेतो में काम कर के पैसे कमाता। कई दिनों तक काम करने के बाद उस बन्दे को एक दुकान में नौकरी मिली और वही पर काम करते-करते उस बन्दे ने बिना किसी कॉलेज के खुद के दम पर Law की पढ़ाई की।
कुछ दिनों के बाद उसे गाओ में पोस्ट मास्टर की जॉब मिल गयी। कई दिनों तक पोस्ट मास्टर की जॉब करने के बाद वहाँ के लोगो की परेशानिओ को देखते हुए उसने राजनीती में आने को सोचा और उस बन्दे ने विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन बुरी तरह हार गया।
साथ ही पोस्ट मास्टर की जॉब छोड़ने की वजह से पैसे भी ख़त्म हो चुके थे जिस लड़की से वह शादी करना चाहता था एक बीमारी की वजह से उसकी भी डेथ हो गयी। सब कुछ उस बन्दे के खिलाफ था।
यह बंदा इतना Deprecation में चला गया की अपने आप को चाकू छुरिओ से दूर रखने लगा इसलिए की कही वो खुद को ही ना मार ले लेकिन वो बंदा अपने दोस्त की मदद से एक बाद फिर विधायक का चुनाव लड़ा और जित गया। साथ ही वो बन्दे ने जो Law की पढ़ाई की थी उसकी वजह से वो गरीब लोगो का केस फ्री में लड़ने लगा और करीब 20 साल तक वकालत की।
लेकिन दोस्तों परेशानिया अभी भी ख़त्म नहीं हुयी थी ज़िंदगी एक के बाद एक थप्पड़ मरती जा रही थी 1842 में इस बन्दे ने शादी की उसके बाद इसके चार बेटे हुए लेकिन उसमे से सिर्फ एक ही ज़िंदा रहा क्योकि 3 साल की उम्र में उसके पहले बेटे की डेथ हो गयी, 11 साल की उम्र में दूसरे बेटे की डेथ हो गयी और 18 साल की उम्र में चौथे बेटे की डेथ हो गयी, सिर्फ एक बेटा ज़िंदा रहा।
यह बंदा हर तरह से हार रहा था लेकिन हार नहीं मान रहा था इसने वार्ड मेंबर का चुनाव लड़ा लेकिन हार गया, उसके बाद खुद का बिज़नेस शुरू किया फेल हो गया, उसके बाद State Registrar का चुनाव लड़ा हार गया, एक बार फिर नया बिज़नेस शुरू किया लेकिन फिर से फेल हो गया।
36 साल का था तो नर्वस ब्रेक डाउन हो गया, 7 साल बाद कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ा लेकिन फिर से हार गया, 5 साल बाद फिर कोशिश की लेकिन फिर से हार गया, 55 साल की उम्र में एक बार फिर चुनाव लड़ा लेकिन फिर से हार गया, एक साल बाद फिर से Voice President का चुनाव लड़ा लेकिन फिर से हार गया, 59 साल की उम्र में एक बार फिर चुनाव लड़ा लेकिन फिर से हार मिली।
इतनी बार हारने के बाद अच्छे-अच्छे धुरंदर भी टूट कर बिखर जाते है लेकिन ये बंदा भी सायद एक ही ज़िद पकड़कर लड़ रहा था की जब तक ज़िंदा हूँ लड़ता रहूँगा और सायद यही कारण था की इतनी बाद हारने के बाद भी यह बंदा एक बार फिर Try करने के लिए तैयार था 1860 में इस बंदे ने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा और अमेरिका का 16वा राष्ट्रपति बन गया।
आखिर हार भी कब तक हराती इस बंदे को जो हार मानने को तैयार ही नहीं था। राष्ट्रपति बनने के बाद अब्राहम लिंकन ने बहुत से बड़े काम किये। जिनमे से सबसे बड़ी प्रॉब्लम दास प्रथा को उन्होंने हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया। लेकिन 14 April 1865 को अब्राहम लिंकन अपने पत्नी के साथ एक थिएटर में नाटक देखने गए थे जहा पर एक अभिनेता ने उनको गोली मार दी और 15अप्रैल 1865 को वो इतिहास के पन्नो में अपना नाम दर्ज करवा के इस दुनिया से चले गए।

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