राजस्थान सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं भले ही गरीब, बुजुर्ग और असहायों के लिए मददगार साबित हो रही हों लेकिन सिस्टम के लापरवाह कर्मचारियों की अनदेखी के चलते बुजुर्गों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सीकर जिले के डांसरोली गांव से सामने आया है जहां लापरवाही के चलते एक जीवित बुजुर्ग को मृत बताकर उसकी वृद्धावस्था पेंशन पिछले 5 साल से बंद कर दी गई।
बुजुर्ग हनुमान प्रसाद (69) निवासी वार्ड न.07 डांसरोली पेंशन शुरू करवाने के लिए पिछले 5 साल से सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहा है लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। जबकि बुजुर्ग ने कई बार अपने जीवित होने का प्रमाण- पत्र भी कर्मचारियों को दे दिया। इसके बावजूद भी कर्मचारी हनुमान प्रसाद को जीवित मानने को तैयार नहीं।
हनुमान प्रसाद ने बताया कि उसे अगस्त 2019 में मृत बताकर पेंशन बंद कर दी गई जबकि उसने कई बार जीवित होने का प्रमाण- पत्र देकर सत्यापन भी करवा लिया। फिर भी विभाग उसे जीवित नहीं मान रहा है। जिसके कारण उसकी पेंशन आज तक शुरू नहीं हो पाई। गुरुवार को हनुमान प्रसाद ने फिर से कर्मचारियों से पेंशन शुरू करने की गुहार लगाते हुए कहा कि मैं अभी ज़िंदा हूं, मरा नहीं, मेरी पेंशन शुरू कर दीजिए साहब। हनुमान प्रसाद ने बताया कि कर्मचारियों ने अब उसे फिर से सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी से लेटर पैड पर ज़िंदा होने का लिखवाकर लाने को कहा है।
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