मेनी पैकिओ…

आज की कहानी फिलीपींस के महान बॉक्सर मेनी पैकिओ (Manny Pacquiao की है जो कभी बचपन में अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए सड़कों पर घूम घूम कर डोनट्स बेचने का काम करते थेऔर दुनिया के सबसे महान बक्सर में से एक होने के साथ दुनिया के सबसे अमीर बॉक्सर में से एक हैं।
मेनी पैकिओ एक ऐसा व्यक्तित्व है जो हर इंसान को प्रेरणा देता है कि आप चाहे कितनी भी खराब स्थिति में क्यों ना हो , आपकी जिंदगी में चाहे कितना भी संघर्ष क्यों न हो आप उसे बदल सकते हैं और यकीन मानिये सिर्फ आप ही उसे बदल सकते है.
तो दोस्तों स्वागत है आपका डिजिटल आवाज की सीरीज, पॉजिटिव मंडे में …
तो वीडियो को बिना स्किप करे अंत तक देखते रहिये, चलिए वीडियो शुरू करते हैं –
मेनी पैकिओ का जन्म 17 दिसंबर 1978 को की किवाबे , फिलीपींस में हुआ था और इनके पिता और माता रोसलीओ पैकिओ और डीओनेसिअ पैकिओ अत्यंत निर्धन और गरीब व्यक्ति थे ,जो बड़ी कठिनाई से अपने छह बच्चों का पालन पोषण कर पाते थे
मेनी पैकिओ अपने माता-पिता और छह भाई-बहनों के साथ घने जंगलों और नारियल के पेड़ों के बीच बनी एक छोटी सी झोपड़ी में रहते थे. दोस्तों मेनी पैकिओ का बचपन इन्हीं घने जंगलों और नारियल के पेड़ों के बीच बीता था. मेनी पैकिओ और उनका परिवार जिस इलाके में रहते थेवह इलाका स्थानीय जनमानस से काफी दूर था जिसके कारण उन्हें संसाधनों की कमियों से काफी जूझना पड़ता था।
दोस्तों मेनी पैकिओ की परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उनके पास पैसे नहीं होते थे उन्हें अपने परिवार के साथ जंगलों में मिलने वाले फलों और कंदमूल को खाकर अपना पेट भरना पड़ता था.
दोस्ती मेनी पैकिओ के पिता अपने परिवार को चलाने के लिए जंगल में नारियल के पेड़ों से नारियल को तोड़कर उसे बेचने का काम करते थे लेकिन उनका यह काम भी उन्हें इतने पैसे नहीं दिला सकता था कि वह पेट भर के अच्छा खाना खा सके. मेनी पैकिओ जब सिर्फ 12 साल के थे उनके पिता ने उनकी मां को तलाक दे दिया और उन्हें छोड़ किसी और महिला के साथ रहने लगे.अपनी पत्नी और बच्चे को छोड़ने के पीछे का कारण व आर्थिक तंगी और गरीबी ही थी क्योंकि मेनी पैकिओ के पिता अपनी पत्नी और 6 बच्चों की जिम्मेदारियों को उठा नहीं पा रहे थे.
अपने पिता द्वारा छोड़ दिए जाने के बाद मेनी पैकिओ की मां और उनके बच्चों पर तो दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा क्योंकि उनके पति ही उनके घर की आय के साधन थे जो थोड़े ही सही पर कुछ तो पैसे कमाते थे जिससे कि उनके घर का गुजारा चलता था. अब पहले से ही गरीबी से जूझ रहे हैं मैंने और उनके परिवार पर अपनी जिंदगी को बचाए रखने का संघर्ष शुरू हो गया. इसके बाद 12 वर्ष की उम्र में में मेनी ने सड़कों पर घूम घूम कर ब्रेड और डोनट्स बेचने का काम शुरू कर दिया ताकि वह कुछ पैसे कमा सकें और अपने परिवार का गुजारा कर सके. मेनी पैकिओ अपने ही घर में बनी ब्रेड और डोनट्स को जनरल सैंटोस सिटी की सड़कों पर बेचते थे. इसके लिए मेनी पैकिओ सुबह जल्दी घर से निकल जाते और देर रात तक सामान बेचते थे पर इस काम के बाद भी वे इतने पैसे नहीं कमा पाते थे कि उनके बड़े से परिवार का पालन पोषण हो सके.
दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं कि मेनी पैकिओ का जन्म फिलिपिंस में हुआ था और फिलीपींस में बॉक्सिंग का खेल काफी प्रसिद्ध है, बचपन से ही गरीबी और आर्थिक तंगी का सामना करने वाले मेनी पैकिओ को बचपन से ही बॉक्सिंग में काफी रूचि थी, मेनी पैकिओ कि इस रुचि को बढ़ावा तब मिला जब उन्हें जनरल सैंटोस सिटी के कस्बों में होने वाले स्ट्रीट फाइट के बारे में पता चला. इन स्ट्रीट फाइट में 2 फाइटर्स के बीच खूनी लड़ाई होती थी जिसमें जीतने वाले को 150 पीसो और हारने वालों को 100 पीसो मिलते थे जो आज के भारतीय रुपए के हिसाब से मात्र 200 से 250 रूपये तक थे.
लगभग 2 वर्ष तक मनीला की सड़कों पर संघर्ष और छोटी-छोटी लड़ाई लड़ने के बाद मेनी पैकिओ के जीवन ने उस वक्त करवट ली जब उन्हें उनकी काबिलियत के कारण एमेच्योर बॉक्सिंग क्लब की तरफ से फाइट करने के लिए चुन लिया गया. अपने मजबूत इरादों और कड़ी मेहनत के कारण 15 साल की उम्र तक मेनी पैकिओ ने खुद को सर्वश्रेष्ठ जूनियर मुक्केबाज के रूप में स्थापित कर दिया था . नेशनल अमेच्योर बॉक्सिंग टीम की तरफ से मुक्केबाजी करते हुए मेनी ने शानदार 60 जीत और चार हार का रिकॉर्ड बनाया जो एक बेहतरीन रिकॉर्ड था.
दोस्तों आपको बता दें कि 2 मई 2015 को लास वेगास के नवादा में स्थित एमजीएम ग्रैंड एरिना में दुनिया का सबसे महंगा बॉक्सिंग मैच हुआ था इस मैच में एक तरफ थे कभी ना हारने वाले पांच डिवीजन के विश्व चैंपियन फ्लॉयड मेवेदर जूनियर और दूसरी तरफ 8 डिवीजन के विश्व चैंपियन मेनी पैकिओ।दोस्तों आपको बता दें कि इस पेपर व्यू मैच को बॉक्सिंग इतिहास का सबसे महंगा मैच बताया गया था दोस्तों आपको बता दे कि इस बॉक्सिंग मैच को फाइट ऑफ द सेंचुरी भी कहा गया सनी इसे इस सदी की सबसे बड़ी फाइट का खिताब भी दिया गया था.
दोस्तों मेनी पैकिओ और मेवेदर जूनियर के बीच होने वाले इस वेल्टरवेट चैंपियनशिप मैच को लेकर पूरी दुनिया के लोगों में उत्साह था. दोस्तों इस फाइट ऑफ सेंचुरी में तकरीबन 25000 करोड़ रूपये का दांव लगा हुआ था. जी हां दोस्तों आपने बिल्कुल सही सुना 25000 करोड रुपए.
मेनी पैकिओ और मेवेदर के बीच हुई इस दुनिया की सबसे महंगी फाइट में में मेनी पैकिओ को मेवेदर जूनियर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था इस मुकाबले में मेवेदर जूनियर 116 – 112 से जीत दर्ज की.
12 राउंड तक चले इस महा मुकाबले में मेनी पैकिओ ने काफी आक्रामक तरीके से बेहतरीन प्रदर्शन किया और सिर्फ 4 पॉइंट के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस महा मुकाबले में हारने के बावजूद मेनी पैकिओ को 761 करोड रुपए मिले जी हां दोस्तों आपने बिल्कुल सही सुना 761 करोड रुपए और जितने वाले मेवेदर को को तकरीबन 1200 सौ करोड़ की कमाई हुई. दोस्तों कभी वह वक्त था जब मेनी को मनीला की सड़कों पर स्ट्रीट फाइट जीतने पर 150 रुपए मिलते थे और एक यह वक्त था जब उन्हें हारने के बावजूद ₹761 की कमाई हुई थी.
मेनी पैकिओ का जीवन दुनिया भर के ऐसे लोगों के लिए मिसाल है जो गरीब हैं और गरीबी में संघर्ष करते हुए आगे बढ़ना चाहते हैं.
दोस्तों, ये थी मेनी पैकिओ की कहानी उम्मीद करती हूँ की उनकी ये कहानी आपको पसंद आयी होंगी और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा ताकि वो भी मेनी पैकिओ से प्रेरित हो सके।

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