Ep-18 || Suhas Gopinath || सुहास गोपीनाथ

आज इस विडियो में हम बात करने वाले है एक इसे बच्चे की जिसने मात्र 14 वर्ष की आयु में ग्लोबल्स इंक कंपनी खड़ी करके पूरे विश्व में अपना लोहा मनवा दिया था | आम जीवन में ये बच्चो की वो उम्र होती है जिसमे वो लोग अपने करियर या भविष्य तक की ना सोचकर मौज-मस्ती और आराम की जिंदगी गुजर-बसर कर रहे होते है पर इस बालक ने एक एसी कंपनी खड़ी कर दी जिसने दुनिया भर में नाम कमाया। 

उस बच्चे का नाम था सुहास। 

सुहास गोपीनाथ का जन्म 4 नवंबर 1986 को कर्नाटक राज्य के बैंगलोर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था । उनके पिताजी एम.आर. गोपीनाथ भारतीय सेना में एक रक्षा वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत थे और माताजी कला गोपीनाथ एक घरेलू महिला थी। उनकी शुरुआत की शिक्षा बैंगलोर स्थित एयर फ़ोर्स स्कूल से हुई | उनको बचपन से जीव-जंतु और Veterinary Science में बहुत लगाव था | उस समय भारत में कंप्यूटर का चलन शुरू ही हुआ था और उनके दूसरे साथी से सम्बन्धित आपस में बाते किया करते थे जिसके कारण उनकी चाह भी इसके बारे में और जानने की करती थी |

सुहास गोपीनाथ अब धीरे-धीरे अपने स्कूल के मित्रो के द्वारा कंप्यूटर सीखने और दिनभर उससे सम्बन्धित आपस में बाते करने के कारण खुद भी कंप्यूटर सीखने का मन बना चुके थे लेकिन समस्या ये थी कि उनके घर पर कंप्यूटर नही था ऐसे में उन्होंने जल्दी ही इस समस्या का तोड़ निकालते हुए घर के पास मौजूद एक इन्टरनेट कैफ़े का सहारा लिया और रोज कंप्यूटर सीखने के लिए यहाँ आने का निर्णय लिया।

लेकिन फिर समस्या रोज का इन्टरनेट कैफ़े का किराया देने की थी क्योंकि सुहास गोपीनाथ के पास तो इतने पैसे नही थे | ऐसे में उन्होंने कैफ़े मालिक से बात की और रोज फ्री में यहाँ कंप्यूटर सीखने के बदले 1से 4 बजे तक कैफ़े को खोलने और चलाने की जिम्मेदारी ले ली |

अब कैफ़े में सुहास गोपीनाथ ने रात-दिन वेबसाइट बनाना सीखने के लिए मेहनत करना शुरू किया और धीरे-धीरे वो कामयाब भी होने लगे | सबसे पहले उन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन फ्रीलांस वेब डिजाइनर के तौर पर अपना  कराया | फिर अपने पहले क्लाइंट की वेबसाइट फ्री में बनाई | उसके बाद जल्द ही उनके पास कुछ और भी क्लाईंट की वेबसाइट बनाने का कार्य आने लगा जिसकी सहायता से उन्होंने 100 डॉलर जमा किये और मात्र 9वी कक्षा में अपना खुद का कंप्यूटर खरीद लिया वो भी नेट कनेक्शन समेत |

जल्दी ही सुहास गोपीनाथ के टैलेंट की चर्चा देश और विदेश में होने लगी जिसके कारण उन्हें नौकरी सम्बन्धित कई अच्छे ऑफर आने लगे | उन्हें अमेरिका की एक बहुत ही बड़ी आईटी कम्पनी से नौकरी का ऑफर मिला जो अमेरिका में उनकी पार्ट-टाइम नौकरी के साथ पढाई का खर्चा उठाने को भी तैयार थी पर उनके दिमाग में भी बिल-गेट्स जैसा कुछ अपना बड़ा करने का सपना था इसलिए उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया |

सुहास गोपीनाथ ने अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए और जल्दी से कुछ बड़ा करने के लिए मात्र 14 वर्ष की आयु में ही अपनी खुद की कंपनी ग्लोबल्स इंक स्टार्टअप शुरूआत की | शुरू में वो इस कंपनी का नाम “Global” या “Global Solutions” रखना चाहते थे परंतु भारत में उन्हें एक तो उनकी कम आयु के कारण कंपनी खोलने का अधिकार नही था और दूसरा भारत में ये दोनों नाम ही कंपनी रजिस्ट्रेशन के लिए उपलब्ध नही थे |इसलिए उन्होंने वर्ष 2000 में अमेरिका के कैलिफोर्निया में जाकर अपनी कम्पनी ग्लोबल्स इंक के नाम का रजिस्ट्रेशन करवाया क्योंकि अमेरिका के कानून के अनुसार वहां कम्पनी का रजिस्ट्रेशन मात्र 15 मिनट में हो जाता है। अपनी इस नई कंपनी के वो खुद मालिक और सीईओ बन गये और उनका एक अमेरिकी मित्र कंपनी का बोर्ड ऑफ़ मेम्बर बन गया |

सुहास गोपीनाथ ने अमेरिका में अपनी कंपनी ग्लोबल्स इंक का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भारत में उसी नाम पर कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाया | उनकी कंपनी कम्पनी वेब सॉल्यूशन, मोबाइल सॉल्यूशन और उससे जुड़े रिसर्च डेटा मार्किट को उपलब्ध कराती है । ये उनकी लगन, मेहनत और स्मार्टनेस का ही परिणाम था कि कंपनी को पहले वर्ष ही  1 लाख रूपये और दूसरे वर्ष पूरे 5 लाख का टर्नओवर प्राप्त हुआ | आज सुहास गोपीनाथ की इस कंपनी की ब्रांचे ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इटली समेत कई दूसरे देशो में फ़ैल चुकी है 

दोस्तों, ये थी सुहास गोपीनाथ  की कहानी उम्मीद करता हूँ की उनकी ये कहानी आपको पसंद आयी होंगी और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा ताकि वो भी सुहास गोपीनाथ  से प्रेरित हो सके।

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